कहीं एक मासूम सा अरमान टूटा होगा
फिर मिट्टी का कच्चा मकान टूटा होगा।।
अमीरों के लिए बेशक तमाशा हो जलजला
गरीब के सर पे तो आसमान टूटा होगा।।
महफील भी रोयेगी, हर दिल भी रोयेगा ,
ङुबी जो मेरी कस्ती तो साहील भी रोयेगा ,
हम इतना प्यार बीखेर देगे इस दुनीया मे के,
मेरी मौत पे मेरा कातील भी रोयेगा……!!<
No comments:
Post a Comment
thanks for visiting on my blog, and your valuable feedback.
stay visiting..............